Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hain – माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं भजन
माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं भजन श्लोक:सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा। माँ शारदे कहाँ तू,वीणा बजा रही हैं,किस मंजु ज्ञान से तू,जग को लुभा रही हैं ॥ किस भाव में भवानी,तू मग्न हो रही है,विनती नहीं हमारी,क्यों माँ तू सुन रही है । ..x2हम दीन बाल कब से,विनती सुना…